Tuesday, April 14, 2020

मिनी माता /MINI MATA

मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नौगांव में हुआ था। उनका मूल नाम मीनाक्षी देवी था। उनका बचपन गरीबी में गुजरा। मिनीमाता का विवाह छत्तीसगढ़ के सतनामी पंथ के संत गुरुघासी दास से पुत्र गुरु अगम दास के संग हुआ था।
छुआछूत मिटाने के लिए उन्होंने इतना काम किया कि मिनी माता को लोग मसीहा के रुप में देखा करते थे।
मिनीमाता छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं। 


बाल विवाह, दहेज प्रथा दूर करने के लिए आवाज उठाई तो गरीबी, अशिक्षा दूर करने के लिए भी काम करती रहीं। अनाथ व पीड़ितों की सेवा करना जीवन का प्रमुख लक्ष्य रहा।

आसाम में उन्होंने मिडिल तक की पढ़ाई की।
सन् 1972 में एक वायुयान भोपाल से दिल्ली की ओर जा रहा था। मिनी माता भोपाल में अपने बेटे विजय के पास आई थीं। उसी वायुयान से दिल्ली वापस जा रही थीं। उस वायुयान में चौदह यात्री थे। वह वायुयान दिल्ली नहीं पहुँच पाया, उसी दुर्घटना में हमारी मिनी माता भी अपना काम अधूरा छोड़ कर चली गयीं। छत्तीसगढ़ में लोग विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि मिनी माता अब उनके बीच नहीं रहीं।

छत्तीसगढ़ सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है। छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन उनके नाम पर बना है।

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